प्रधानमंत्री ने नौ साल में बेटियों के उत्थान में युग प्रवर्तक की तरह किया काम
स्वाती सिंह 26 मई 2014 का वह दिन तो सबको याद होगा, जब एक पार्टी का अहम जनता ने तोड़ दिया था और एक प्रधान सेवक के रूप में आम जन के दुख-दर्द को समझने वाला प्रधानसेवक के रूप में संसद का नेतृत्व करने पहुंचे, वह थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।