स्वाती सिंह
26 मई 2014 का वह दिन तो सबको याद होगा, जब एक पार्टी का अहम जनता ने तोड़ दिया था और एक प्रधान सेवक के रूप में आम जन के दुख-दर्द को समझने वाला प्रधानसेवक के रूप में संसद का नेतृत्व करने पहुंचे, वह थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी ने संसद का सास्टांग प्रणाम किया और तब से लेकर आज नौ साल पूरे हो गये, लेकिन जनता के हित के लिए चौबीस घंटे जनता को दंडवत प्रणाम कर रहे हैं। उनके हर फैसले जनता के हित के लिए, पूरे विश्व में जनता के सम्मान के लिए, गरीब कल्याण के लिए होते हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भी कहा, जनता ने विश्वास किया और उस विश्वास को प्रधानमंत्री ने कायम रखा।

जहां तक देशहित में साहसिक कदम उठाने की बात है, आजादी के बाद कोई भी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं बना, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना भय के तीन तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करके दिखा दिया। यह कांग्रेस द्वारा किसी वर्ग विशेष को खुश करने के लिए देश पर थोपे गये कलंक थे, जिसे दूर करने का साहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया।

वैसे तो प्रधानमंत्री हर दिन देश की आन-बान-शान के लिए जीते हैं। नींद की चिंता छोड़ वे हर समय देश की तरक्की और गरीबों के कल्याण के लिए काम करते हैं, जिनको लिखा जाय तो एक महाकाव्य तैयार हो जाएगा, लेकिन यदि महिला हित की बात की जाय तो सबसे प्रमुख तीन तलाक को लेकर अध्यादेश जारी करना महिला हित में सर्वोपरि रहा। यह भी कितनी बड़ी विडंबना है कि जिस वर्ग का हितैषी बनने का कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल ढोंग करते हैं, उसकी आधी आबादी को ही कैदखाने की तरह जीवन-बसर करने को मजबूर कर दिया था। उसको डर था कि कहीं हमारा वोट बैंक ही हमसे न खिसक जाय, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश हीत की बात सोचते हैं, कभी भी वोट बैंक की राजनीति नहीं करते। यही कारण है कि उन्होंने 21 फरवरी 2019 को तीन तलाक पर अध्यादेश ला दिया। उसके तहत अब विदेश में बैठकर तलाक कहने मात्र से शादी कैंसिल नहीं मानी जा सकती। उस विधेयक ने मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दे दिया, अपने हिसाब से जीने का।

इस कानून के मुताबिक यह अपराध संज्ञेय (इसमें पुलिस सीधे गिरफ्तार कर सकती है) तभी होगा, जब महिला खुद शिकायत करेगी। इसके साथ ही खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार रहेगा। पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं कर सकता है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक पर बहस का जवाब देते हुए कहा था “हजारों साल पहले पैगंबर ने भी इस पर सख्ती से पाबंदी लगाई थी और उनके जिस बंदे ने ऐसा किया, उससे कहा कि वह अपनी पत्नी को वापस ले। यहां भी लोग कह रहे हैं कि तीन तलाक गलत है, लेकिन इसे चलने दो। इसका मतलब यह है कि तीन तलाक गलत है, लेकिन सब कुछ ऐसे ही चलने दो।”

इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश समेत कई निर्णयों ने मोदी सरकार की स्वीकार्यता को बढ़ाया। यही कारण है कि सालों में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज पूरी दुनिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशा भरी निगाहों से देख रही है। पाकिस्तान की जनता भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण के तौर पर याद करती है। लोग प्रधानमंत्री के विकास कार्यों की सराहना करते है। पीएम मोदी के कार्यकाल में जनता के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने। जितने यहां शौचालय बनाये गये, उतना कई देशों की जनसंख्या नहीं है। मोदी सरकार की जनधन योजना के तहत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाए। ये खाता जीरो बैलेंस के साथ शुरू होता है।

पीएम मोदी की मुद्रा योजना में लोगों को बिना गारंटी के सस्ता ऋण दिया गया। इस योजना के तहत अब तक 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। यह सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का विश्वास है, जो उनके मुंह से किसी अभियान के निकलते ही लोग सिर-आंखों पर ले लेते हैं। प्रधानमंत्री ने जब झाड़ू उठाया था तो विपक्ष के कुछ लोग इसे नौटंकी करार दे रहे थे। आज हर तरफ सफाई अभियान का असर देखने को मिलता है। हर आदमी हाथ का कूड़ा फेंकने लिए डस्टबिन ढूढता है। दुकानों के आगे लोग स्वत: ही सफाई के लिए जागरूक रहते हैं। यह सफाई लोगों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत कारगर है, जिसको ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरूआत की थी।

पीएम आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए 3.45 करोड़ घर बनाए गए। आज भी लगातार गरीबों को आवास देने का सिलसिला जारी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी खुद जागरूक रहते हैं और इसकी समीक्षा करते रहते हैं। मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन की पहुंच बनी। केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। मोदी सरकार की हर घर जल योजना के तहत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जा चुका है। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुए कोविड टीकाकरण में अब तक 220.67 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।

2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। 2015 में पीएम आवास योजना को तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला किया गया। 2016 में नोटबंदी का फैसला कर पीएम मोदी ने सभी को चौंका दिया था। 2017 में देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए जीएसटी लागू करने का फैसला किया। 2018 में मोदी सरकार ने पात्र लाभार्थियों के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं।

2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था। राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2020 में मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया। 2021 में कोरोना से बचाव के लिए मोदी सरकार ने स्वदेशी वैक्सीन के जरिये टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए 2022 में मोदी सरकार ने 5जी सेवाओं की शुरुआत की।

2014 में देश के अंदर मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, जो अब बढ़कर 692 हो चुकी है। 2023 में एम्स की संख्या बढ़कर 24 हो चुकी है, जो 2014 में केवल छह थी। 2014 तक देश में 723 यूनिवर्सिटी थीं, जो 2023 में बढ़कर 1472 हो चुकी हैं। 2014 तक देश में 16 आईआईटी संस्थान थे, जो 2023 में बढ़कर 23 हो चुके हैं। 2014 तक देश में 13 आईआईएम थे, जो अब 20 हो चुके हैं।

2014 में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2.34 लाख मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 4.17 लाख मेगावाट हो गई। 2014 तक देश में 13 करोड़ गैस कनेक्शन थे, जो 2023 में बढ़कर 31 करोड़ हो गए। 2014 तक देश में नेशनल हाईवे की पहुंच 91,287 किमी तक थी, जो 2023 में 1.44 लाख से ज्यादा हो गई। 2014 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 74 थी, जो 2023 में बढ़कर 148 हो गई। 2014 तक देश में रेल मार्गों का 21,614 किमी हिस्सा ही इलेक्ट्रिक लाइन से जुड़ा था। 2023 में ये बढ़कर 58,812 किमी तक पहुंच गया।
2016 में 18 सितम्बर को जम्मू-कश्मीर के उरी कैंप में जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वॉटर्स पर हमला कर दिया था। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के ठीक 10 दिन बाद पाकिस्तान से बदला लिया गया था। इसके लिए एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया गया, जिसे सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया गया। 28-29 सितंबर 2016 की रात पहली बार देश ने सर्जिकल स्ट्राइक की। भारत के पैरा कमांडो का एक दल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में दाखिल हुआ। करीब तीन किलोमीटर अंदर घुसने के बाद पीओके में मौजूद तमाम आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस पूरे हमले में करीब 50 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।

साल 2016 में ही मोदी सरकार का एक और ऐसा फैसला आया, जिसने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। आठ नवंबर साल 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और रात 12 बजे 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। अचानक से नोट को चलन से बाहर कर देने वाले सरकार के फैसले ने देशभर में खलबली मचा दी थी। मोदी सरकार की ओर से ये फैसला काले धन पर प्रहार करने के लिए लिया गया था। उसी फैसले के बाद उप्र के विधानसभा का चुनाव हुआ और यहां भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी। यह जनमत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर था।

कांग्रेस ने भी बहुत दिनों से जीएसटी की प्लानिंग कर रही थी, लेकिन उसके पास दूरदर्शिता का अभाव था। 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि को संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST लांच किया था और 1 जुलाई 2017 से इसे देशभर में लागू कर दिया गया। जीएसटी लागू करने का मकसद देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ विचार को मूर्तरूप देना था। जीएसटी लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, क्रय कर, एक्साइज ड्यूटी और अन्य कई टैक्स समाप्त हो गए।

14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के हमलावरों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था। उस समय सीआरपीएफ के 78 वाहनों का काफिला जम्मू से श्रीनगर का सफर तय कर रहा था। इस काफिले में करीब 2500 जवान थे। उस समय एक आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी। इस विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए थे। दो सप्ताह बाद 26 फरवरी 2019 को भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था।

इतिहास याद करेगा आर्टिकल 370 का खात्मा

कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करने के लिए आर्टिकल 370 का खत्म होना जरूरी था। इसके लिए किसी भी दल के लिए बहुत मुश्किल काम था। कोई बड़ा बवाल न हो जाए, इससे राजनीतिक दल डरते थे, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रणा की और एक झटके में इसे समाप्त कर दिया गया। आर्टिकल 370 के फैसले को सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है। पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त कर दिया था, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करते थे। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में देश के वो सभी कानून लागू हो गए, जिन्हें 70 साल तक लागू नहीं किया जा सका। वहां के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा मिलने लगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा हटाकर अब वहां के सरकारी दफ्तरों में तिरंगा लहराने लगा।

नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन कानून यानी अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उत्पीड़न या किसी और कारण से अपना देश छोड़कर यहां आए हों। वहीं एनआरसी नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर है, जो भारत से अवैध घुसपैठियों को निकालने के उद्देश्य से लाया गया। एनआरसी के तहत, एक शरणार्थी भारत का नागरिक होने के योग्य है अगर वे ये साबित कर दे कि वो या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 को या उससे पहले भारत में थे।

(लेखिका उप्र के भाजपा सरकार में मंत्री रही हैं।)