स्वाती सिंह

भारत एक सम्पन्न परम्परा और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध देश है, जहां महिलाओं का समाज में प्रमुख स्थान रहा है। ग्रामीण परिदृश्य में महिलाओं की बड़ी आबादी है। आजादी के बाद महिलाओं का समाज में सम्मान बढ़ा, लेकिन उनके सशक्तिकरण की गति दशकों तक धीमी रही, जिसने भाजपा सरकार में रफ्तार पकड़ी। भाजपा सरकार ने जितना महिलाओं को बढ़ाया, उतना अन्य दलों की सरकारों ने नहीं किया। इसी वजह से आज सबसे ज्यादा महिलाएं भाजपा सरकार से जुड़ी हैं।

आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है और अब महिलाएं कई क्षेत्रों में काफी आगे निकल चुकी हैं। पिछले नौ वर्षों में देश में महिला सशक्तिकरण पर निरंतर ध्यान दिया गया है। परिणामस्वरूप इन नौ सालों में सात करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। इनमें श्री अन्न यानि मोटा अनाज के पारंपरिक अनुभव वाली एक करोड़ से अधिक आदिवासी महिलाएं इन स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं। इन वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों ने छह लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्राप्त किया है। केंद्र और राज्य की ज्यादातर योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करके केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त करने का काम किया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये मोदी सरकार कई योजनाएं चला रही है, जो प्रसंशनीय है।

‘महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र’ (एमएसएससी) योजना : महिलाओं को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें वित्तीय स्तर पर मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से ‘महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र’ योजना शुरु की। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ : भारत में लड़कियों को शिक्षित बनाने और उन्हें बचाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की। बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए इस योजना में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का लिंगानुपात बढ़ाना भी है। महिलाओं का लिंगानुपात

सुकन्या समृद्धि योजना : केंद्र सरकार बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चला रही है। योजना को साल 2014 में शुरू किया गया था। इस योजना में निवेश कर माता-पिता अपनी बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक के लिए पैसे जोड़ सकते हैं। हाल ही में सरकार ने इस स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा भी किया है। मौजूदा तिमाही के लिए सरकार ने ब्याज दर को 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि 250 रुपये से इस योजना में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

उज्ज्वला योजना : मोदी सरकार महिलाओं को जहरीले धुएं से बचाने के लिए और घर में समय से सेहतमंद भोजन पकाने के लिए वर्ष 2016 से उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन दे रही है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इस योजना के माध्यम से उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी किया गया। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन बांटे हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और इलाज और दवाओं के खर्च में मदद के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत इन महिलाओं के खाते में हर साल 5000 रुपए डाले जाते हैं। यह 5000 रुपए तीन किस्तों के जरिए डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दिए जाते हैं।

केन्द्रीय स्तर पर किए जा रहे इस प्रयास पर उत्तर प्रदेश की सरकार भी तेजी से अमल कर रही है। दरअसल, योगी सरकार नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के साथ उन्हें सुरक्षित माहौल देने के लिए लगातार प्रयासरत है। यूपी में महिलाएं एक ओर जहां यूपी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर रोजगार के साथ स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं सुरक्षित माहौल देने के लिए उन्हें पुलिस बलों में भी अहम भूमिका दी जा रही है। आज महिलाएं व बेटियां आत्‍मनिर्भर यूपी की पहचान बनी हैं।

प्रदेश की कमान जब से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने संभाली है तब से आज तक प्रदेश में महिला अपराधों पर लगाम लगी है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की बात हो या भ्रष्टाचार, अपराध और गुंडागर्दी पर लगाम लगाने की प्रदेश की योगी सरकार सभी में अव्वल रही है। सरकार ने महिला सुरक्षा के पिंक बूथ, महिला पुलिस कर्मियों के लिए टू व्‍हील पिंक पेट्रोल, विशेष सुविधा युक्‍त पिंक टॉयलेट का निर्माण के साथ डार्क स्‍पाटस को चिन्हित कर वहां पर प्रकाश की व्‍यवस्‍था की है। वीमेन पावर लाइन 1090 भी महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश की महिलाओं व बेटियों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्‍पलाइन नंबर 181, 112 व 1076 से उनकी समस्‍याओं का निस्‍तारण तेजी से हो रहा है। अब महिलाओं को अकेले घर से निकलने में डर नहीं लगता है। पुलिस महिलाओं की सुरक्षा में तत्पर है।

वहीं, शिक्षा, सवास्‍थ्‍य, सुरक्षा व रोजगार के क्षेत्र उनके लिए सुविधाओं का विस्‍तार किया है। सरकार ने प्रदेश में छह माह से छह वर्ष तक आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में समेकित बाल विकास सेवा योजना संचालित की। जिससे लाखों की संख्‍या में गर्भवती महिलाएं व कुपोषित बच्‍चे लाभान्वि हुए हैं। योगी सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान की शुरूआत की, जिससे प्रदेश की महिलाओं व बेटियों को संबल मिला है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, मुख्‍यमंत्री सक्षम सुपोषण, मुख्‍यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्‍वयं सहायता योजना, उज्‍ज्‍वला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, शबरी संकल्‍प अभियान, महिला शक्ति केन्‍द्र, किशोरी बालिका योजना, सखी सेंटर, महिला हेल्‍पलाइन 1090, घरौनी योजना, कन्‍या सुमंगला योजना, एंटी रोमियो स्क्वॉड, स्‍वामित्‍व योजना से सीधे तौर पर ग्रामीण व शहरी महिलाओं को लाभ मिल रहा है। भाजपा सरकार में महिलाओं के उत्थान और सम्मान के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं।

(लेखिका- पूर्व मंत्री व स्वाती फाउंडेशन की ट्रस्टी व अध्यक्ष हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्यापन का भी कार्य किया है।)