स्वाती सिंह

अब तक हम सुनते आए हैं कि हर सफल इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है, लेकिन अब हम कह सकते हैं कि हर सफल अंतरिक्ष मिशन के पीछे भी महिला वैज्ञानिकों का सहयोग होता है। जहां महिलाओं की शक्ति की क्षमता को जोड़ा जाता है वहां असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। भारत का चंद्रयान-3 मिशन भी महिलाओं की शक्ति का एक जीवंत उदाहरण है। इस मिशन में बहुत सी महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी थीं। चन्द्रयान-3 की सफलता में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी महिला विज्ञानियों और इंजीनियरों से खास तौर पर मुलाकात की और उनके योगदान को सराहा।

चन्द्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की, लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के स्थान को ‘शिव शक्ति प्वाइंट’ कहा जाएगा। चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह के उतरने के दिन को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाया जाएगा। चंद्रमा की सतह पर लगभग चार वर्ष पहले जिस स्थान पर चंद्रयान-2 क्रैश हुआ था उसे ‘तिरंगा प्वाइंट’ के तौर पर जाना जाएगा।

नरेन्द्र मोदी सरकार में विज्ञान के क्षेत्र में महिला वैज्ञानिक तेजी से उभरी हैं। इन्होंने तीनों चंद्र अभियानों में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। महिला वैज्ञानिकों ने भारत के गगनयान, मंगल मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद पूरी दुनिया भारत की नारी शक्ति की सूझबूझ और सकारात्मक कदमों का लोहा मान रही है। मिशन को सफल बनाने में 100 से भी अधिक महिला वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई और भारत का नाम रोशन किया। जिस समय करोड़ों लोग चंद्रयान-3 के लैंडर को चंद्रमा की सतह को स्पर्श करते हुए देख रहे थे, उस समय वे इसरो मुख्यालय में अनेक महिला विज्ञानियों की उपस्थिति भी देख रहे थे। एक महिला वैज्ञानिक ने तो चंद्रयान 3 के रोवर प्रज्ञान को अपने बच्चे का दर्जा दिया है। दरअसल, इसरो की महिला वैज्ञानिक रीमा घोष का कहना है कि रोवर प्रज्ञान उनका बेबी है और वो उनकी मां हैं। इतना ही नहीं इनमें से एक कल्पना के. तो इस महत्वाकांक्षी अभियान की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर की भूमिका में थीं।

लखनऊ की वैज्ञानिक रितु करिधल श्रीवास्तव जो भारत की रॉकेट वुमन के नाम से भी जानी जाती हैं, चन्द्रयान-3 मिशन को लीड किया। इतना बड़ा मिशन एक महिला के हाथों में सौंप कर भारत ने महिला सशक्तिकरण की एक नई मिशाल पेश की। 13 अप्रैल 1975 को नवाबों के शहर लखनऊ में पैदा हुई रितु ने बचपन से ही रॉकेट साइंस और चांद-सितारों में दिलचस्पी रखी। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से फीजिक्स में एससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। 26 साल पहले यानी 1997 में रितु एक इंजीनियर के तौर पर इसरो में शामिल हुई।

हमारी महिला विज्ञानियों और इंजीनियरों ने यह दिखा दिया कि वे किसी से कम नहीं और किसी भी चुनौती भरी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकने में सक्षम हैं। यह पहली बार नहीं, जब इसरो के किसी अभियान में महिला विज्ञानियों और इंजीनियरों ने अपना महती योगदान दिया हो। सारी दुनिया में चर्चा और सराहना का पात्र बने मंगल अभियान को सफल बनाने में भी महिला विज्ञानियों का योगदान था। उस अभियान की शीर्ष टीम में पांच महिला विज्ञानी थीं।

विज्ञान, तकनीक और शोध-अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस धारणा को खारिज करती है कि वे चुनौती भरे कामों को अंजाम देने में समर्थ नहीं। निःसंदेह यह धारणा भी टूटी है कि युवतियां विज्ञान और तकनीक से जुड़े विषयों में रुचि नहीं रखतीं। एक समय था, जब विज्ञान एवं तकनीक से जुड़े शिक्षा संस्थानों में लड़कियों की संख्या नगण्य सी हुआ करती थी, लेकिन हाल के वर्षों में उनकी संख्या में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। इससे यही पता चलता है कि भारत में तेजी के साथ नारी सशक्तीकरण हो रहा है।

महिलाएं केवल विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में ही अपनी काबिलियत का परिचय नहीं दे रही हैं। अन्य अनेक क्षेत्रों में भी उनके कदम बढ़ रहे हैं। वे विज्ञानी, इंजीनियर के साथ पायलट आदि भी बन रही हैं। इसके अतिरिक्त वे खेल जगत में भी अपनी सफलता से प्रसिद्धि हासिल करने के साथ अन्य लड़कियों को प्रेरणा प्रदान करने का काम कर रही हैं। अब तो सेना में भी उनकी भूमिका बढ़ रही है। कई युवतियां तो युद्धक विमान उड़ा रही हैं।

इसी तरह उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में भी वे अपने को साबित कर रही हैं। यह भी एक उल्लेखनीय तथ्य है कि मुद्रा योजना की लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। विभिन्न कार्य क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी और बढ़े, इसके लिए अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है, क्योंकि कोई भी देश सच्चे अर्थों में सामर्थ्यवान तब बनता है, जब वहां की महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी बढ़ती है।

(लेखिका- पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं।)