स्वाती सिंह

देश में रेहड़ी-पटरी वालों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के बारे पहले कभी नहीं सोचा गया था। अपना काम आगे बढ़ाने के लिए इनको बैंक से मदद मिलना असंभव था। जब डिजिटल लेनदेन का कोई इतिहास, कोई कागजात न हो तो बैंक से लोन लेने के लिए रेहड़ी-पटरी वाले पहला कदम भी नहीं बढ़ा पाते थे। उस पर कोरोन महामारी ने इनके कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी थी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए पीएम स्वनिधि योजना लेकर आए। यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बड़ा सहारा बनी। इसी योजना के जरिए रेहड़ी-पटरी दुकानदार 10,000 से लेकर 50,000 तक ऋण प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

पीएम स्वनिधि योजना के तीन साल पूरे हो चुके हैं। अभी तक देश के छोटे बड़े शहरों में 42 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेला लगाने वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है। केंद्र सरकार ने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना एप्लीकेशन भी लॉन्च किया है। 2024 के अंत तक पहली, दूसरी और तीसरी किस्त वाले कुल 57 लाख लोन वितरित करने लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के संचालन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र जैसे राज्य सबसे आगे हैं। इनमें सर्वाधिक पटरी दुकानदारों को लाभ देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है।

पीएम स्वनिधि योजना की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूपी में 25 अगस्त 2023 तक लोन के लिए पात्र लाभार्थियों के 15,97,437 आवेदनों में से 15,11,774 स्वीकृत किए गए। इनमें 10,97,954 लाभार्थियों के बैंक खाते में 1,883.61 करोड़ रूपए भेज दिए गए हैं। लाभार्थियों में 68 फीसद पुरुष और 32 फीसद महिलाएं हैं।

मध्य प्रदेश में 3,29,538 आवेदनों में से 2,74,335 स्वीकृत किए गए। इनमें 1,86,648 लाभार्थियों के खाते में 342.07 करोड़ रूपए भेज दिए गए हैं। यहां भी 68 फीसद पुरुष और 32 फीसद महिला लाभार्थी हैं। गुजरात में 1,77,463 आवेदनों में से 1,52,625 स्वीकृत हुए। इनमें 1,06,624 लाभार्थियों के बैंक खाते में 199.67 करोड़ रूपए भेजे जा चुके हैं। यहां लाभार्थियों में 60 फीसद पुरुष और 40 फीसद महिलाएं हैं।

महाराष्ट्र में 2,31,554 आवेदनों में से 1,94,476 स्वीकृत किए गए। इनमें 1,45,423 लाभार्थियों के खाते में 209.06 करोड़ रूपए भेज दिए गए हैं। असम में 49,257 आवेदनों में से 45,453 स्वीकृत किए गए। इनमें 34,715 लाभार्थियों को 57.07 करोड़ रूपए भेजे गए हैं। यहां लाभार्थियों में 52 फीसद पुरूष और 47 फीसद महिलाएं हैं।

उत्तराखंड में 7,183 आवेदनों में से 6681 स्वीकृत किए गए। इनमें 4,229 लाभार्थियों के खाते में 8.91 करोड़ करोड़ रूपए भेजे गए हैं। यहां 52 फीसद पुरूष और 47 फीसद महिला लाभार्थी हैं। जम्मू-कश्मीर में 1,638 आवेदनों में से 6681 स्वीकृत किए गए। इनमें 153 लाभार्थियों के खाते में 1.61 करोड़ रूपए भेजे गए हैं।

देश भर में कुल 22,06,539 आवेदनों में से 19,09,528 स्वीकृत किए गए। इनमें 13,15,749 लाभार्थियों के बैंक खाते में 2,365.79 करोड़ रूपए भेज दिए गए हैं। देश भर में 59 फीसद पुरूष और 41 फीसद महिला लाभार्थी हैं।

पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को दुर्घटना बीमा का लाभ
योगी सरकार पीएम स्वनिधि योजना से जुड़कर काम कर रहे स्ट्रीट वेंडर्स को पांच लाख तक का दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराएगी। इसके तहत किसी दुर्घटना में स्ट्रीट वेंडर की मृत्यु होने या पूर्ण दिव्यांगता की स्थिति में पीड़ित के परिजनों को पांच लाख रुपये की बीमा राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को आसानी से ऋण उपलब्ध हो सके, इसके लिए सीएम योगी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-पीएम स्वनिधि का राष्ट्रीय स्तर पर भी शुभारंभ किया है।

महिलाओं के स्वावलंबन का आधार बनी पीएम स्वनिधि योजना
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया था। दोबारा कारोबार शुरू करना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजीविका खो चुके रेहड़ी व पटरी दुकानदारों के लिए पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री की व्यवस्था के अनुसार लगभग ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था वेंडर्स को उपलब्ध कराई जा रही है। कोई वेंडर डिजिटल पेमेंट से जुड़कर और समय से ईएमआई का भुगतान कर लगभग ब्याज मुक्त हो जाता है। पीएम स्वनिधि योजना पुरुषों के साथ ही महिलाओं के भी स्वावलंबन का आधार बन रही है। स्वनिधि योजना के जरिए स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर बनकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं।

बिना गांरटी 50 हजार रुपये तक लोन
योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि रेहड़ी-पटरी वाले लाखों दुकानदार औपचारिक रूप से बैंकिंग व्यवस्था से जुड़े हैं। अगर कोई दुकानदार अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहता है और लोन लौटाने के मामले में उसकी साख अच्छी है तो उसे 50 हजार रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाता है। इतना ही नहीं इस योजना ने रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को सूदखोरों और साहूकारों के शोषण से तो बचाया ही है, यह भी सुनिश्चित किया है कि अब इन छोटे व्यवसायियों से कोई गुंडा टैक्स नहीं वसूल सकता है।

इन लोगों को योजना का लाभ
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोग जैसे फल-सब्जी विक्रेता, चाय का ठेला लगाने वाले, धोबी, फेरीवाला, मोची और स्ट्रीट फूड लगाने वाले लोग उठा सकते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत लोन लेने वाले लोगों को किसी प्रकार की गांरटी की जरूरत नहीं होती है। हालांकि संबंधित व्यक्ति के पास बैंक खाता और मोबाइल नंबर से लिंक आधार कार्ड होना जरूरी है।

(लेखिका- पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं।)