स्वाती सिंह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प के साथ 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन योजना का शुभारंभ किया था। प्रधानमंत्री ने लाल किले से घोषणा की थी कि देश के गांव-गांव में 2024 तक हर घर पर ‘नल से जल’ पहुंचाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों को घरेलू नल कनेक्शन के जरिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। इसके प्रमुख लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना, विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केन्द्रों, कल्याण केन्द्रों और सामुदायिक भवनों में नल कनेक्शन लगाना और उनकी निगरानी करना, मानव संसाधन को बढ़ावा देना, सुरक्षित पेयजल के विभिन्न पहलुओं और महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

दो लाख करोड़ खर्च कर पहुंचाया जा रहा शुद्ध जल
प्रधानमंत्री की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत अगस्त 2023 तक 65 प्रतिशत से अधिक घरेलू कवरेज की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जा चुकी है। देश के 1.81 लाख से अधिक गांव इस योजना से लाभान्वित होंगे। इसके साथ हर घर नल से जल योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के केन्द्रीय बजट में 70 हजार करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं। हर घर तक शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पेयजल क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा निवेश है। मोदी सरकार के अथक प्रयासों के फलस्वरूप जल जीवन मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव को लाते हुए हर घर नल से जल के माध्यम से बेहतर कल को सुनिश्चित कर रहा है। यह स्वास्थ्य, रोजगार और तथा बालिकाओं की शिक्षा सहित अनेक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के साथ लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

प्रधानमंत्री ने करोड़ों ग्रामीण घरों की प्यास बुझाई
2024 तक हर घर पर ‘नल से जल’ पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अलग से ‘जल शक्ति मंत्रालय’ बनाकर ‘जल जीवन मिशन’ योजना को लॉन्च किया गया था। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रत्येक ग्रामीण परिवार के घर तक नल से जल पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर पूरा कराने में जुटे हैं। मोदी सरकार की यह योजना अपने आप में क्रांतिकारी है। हर घर को नल से जल मिलने से जहां ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान खिल उठी है, वहीं पानी के लिए मीलों का सफर तय करने वाली महिलाओं को भी राहत मिली है। इस योजना के जरिए नरेन्द्र मोदी सरकार अभी तक करोड़ों ग्रामीण घरों की प्यास बुझा चुकी है।

66.85 फीसदी से अधिक घरों तक पहुंचा नल से शुद्ध जल
योजना के तहत ग्रामीण अंचलों में घरेलू नल कनेक्शन देने का काम तेजी से किया जा रहा है। जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर दिये गये आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में मिशन की शुरुआत होने के समय देश में 3,23,62,838 घरों (16.82 फीसदी) के पास नल का पानी उपलब्ध था। लेकिन अगस्त माह में जीवन बदलने वाले मिशन के तहत लगभग 12,86,14,123 (66.85 प्रतिशत) परिवारों को अब पीने योग्य नल का पानी उपलब्ध है। अपनी 4 साल की लंबी यात्रा में देश के 9,62,51,285 घरों (60.15 प्रतिशत) में नल का जल पहुंचा है। वहीं, 9,10,733 विद्यालयों (88.37 प्रतिशत) में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। साथ ही 9,48,013 आंगनवाड़ी केंद्रों (84.32 प्रतिशत) में नल-जल सुविधा पहुंच चुकी है। सरकार का लक्ष्य 2024 तक 19,23,93,450 ग्रामीणों के घर तक नल से जल पहुंचाना है।

उप्र 50 प्रतिशत परिवारों को टैप कनेक्शन देने में अव्वल
जल जीवन सर्वेक्षण-2023 की राष्ट्रीय रैंकिंग में 50 प्रतिशत परिवारों को टैप कनेक्शन प्रदान कर चुके राज्यों में उत्तर प्रदेश सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली श्रेणी में पहले स्थान पर है। अगस्त माह में यूपी का बुलंदशहर जनपद राष्ट्रीय सर्वे में बेस्ट परफार्मिंग जिलों की 3 सितारा (एचीवर्स) सूची में टॉप पर है। इसके अलावा दो सितारा (परफॉर्मर) में यूपी के पांच जिले मुरादाबाद, अयोध्या, संभल, सीतापुर और रामपुर शीर्ष स्थान पर हैं।

योगी सरकार का 9 करोड़ से अधिक ग्राामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल का तोहफा
जीवन मिशन के तहत 15 अगस्त, 2023 (स्वतंत्रता दिवस) को योगी सरकार ने प्रदेश की नौ करोड़ ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल का अब तक का सबसे बड़ा तोहफा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत 15 अगस्त को राज्य के 1,50,27,692 ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल मिलना शुरू हो गया।

यूपी में रोजाना 40 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन
योगी सरकार प्रदेश में जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से प्रतिदिन 40 हज़ार से अधिक नल कनेक्शन दे रही है। कम समय में लक्ष्य पूर्ति की ओर तेजी से बढ़ते यूपी में जल जीवन मिशन का काम रफ्तार से किया जा रहा है। ग्रामीणों को नल से स्वच्छ जल देने के साथ ही योजना से 1,09,516 से अधिक स्कूलों और 1,54,440 आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी नल कनेक्शनों से जोड़ा जा चुका है।

रोजगार के खुले द्वार
हर घर को जल पहुंचाने के साथ यह योजना युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में भी तेजी से बढ़ रही है। योजना के तहत गांव-गांव में युवाओं को प्लंबिंग, इलेक्ट्रीशियन, मोटर मैकेनिक, फिटर, राजमिस्त्री, पम्प ऑपरेटर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा अपने गांव में पानी सप्लाई में आने वाली समस्याओं को दूर कर रहे हैं। वहीं, महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में योजना से लाखों महिलाओं को पानी जांच का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह महिलाएं गांव-गांव जाकर पानी की जांच कर रही हैं।

सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना लक्ष्य
जल जीवन मिशन का लक्ष्य देश के हर इलाके तक सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। इसका मकसद दूषित पानी से होने वाली बीमारियों पर लगाम लगाना और ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। वहीं, पीने के शुद्ध की धार ग्रामीणों के घरों तक पहुंचने से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों-कर्मियों को सरकार पुरस्कृत भी करेगी।

भविष्य के लिए जल संरक्षण बेहद जरूरी
बिना पानी के पृथ्वी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल का कोई विकल्प भी नहीं है, इसलिए भविष्य के लिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है। जल स्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है। ऐसे में वर्षा का पानी या अन्य स्रोत से आने वाले पानी का संचयन करना बहुत आवश्यक है। मोदी सरकार जल संरक्षण के लिए कई अभियान चला रही है। हालांकि अकेले सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं हो सकता। जल संरक्षण के अभियानों में जनता, सामाजिक संगठनों और सिविल सोसाइटी का भी जुड़ना जरूरी है।

अटल भूजल योजना
भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार ने जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बना दिया है। जिसके लिए केन्द्र सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। इनमें से एक है, अटल भूजल योजना (अटल जल)। यह योजना देश के सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही है। योजना के तहत चिन्हित राज्यों में चुनिंदा जल संकट क्षेत्रों में भूजल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार किया जा रहा है। इस योजना की समय सीमा 2025 थी लेकिन अब सरकार ने इस योजना की अवधि को 2 साल और बढ़ाकर 2027 कर दिया है। अटल भूजल योजना के माध्यम से देश की हजारों ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही सरकार कृषि में पानी के संतुलित उपयोग के लिए ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों को बढ़ावा दे रही है।

‘कैच द रेन’ अभियान
देश में पीने के पानी के लिए 66 प्रतिशत से अधिक परिवार भूजल पर निर्भर हैं। नलों में पानी आना सुनिश्चित करने के लिए पीने के पानी के स्रोत की स्थिरता जरूरी है। इसके लिए मोदी सरकार ने जल शक्ति अभियान के अंतर्गत ‘कैच द रेन’ की मुहिम चलाई है। यह अभियान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है। इस अभियान को नई दिल्ली में 4 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पेश किया गया था। अभियान के जरिए पानी को बचाने को लेकर मुहिम पेश की गई थी। इसे 30 नवम्बर 2023 तक देश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा। यह अभियान प्रधानमंत्री के जल संचय मंत्र से प्रेरित होकर चलाए गए जल शक्ति अभियान की श्रृंखला की चौथी कड़ी है, जो पानी की कमी वाले 256 जिलों में 2019 में शुरू हुआ था। बाद में 2021 और 2022 में इसका पूरे भारत में विस्तार हुआ। इस साल पानी की कमी वाले 150 जिलों पर फोकस किया गया है, जिन्हें टैंकरों के जरिए पीने का पानी मंगाने के इतिहास और सीजीडब्ल्यूबी के पास उपलब्ध ज्यादा सूखे भूजल स्रोतों के आंकड़ों के आधार पर चुना गया है।

(लेखिका- पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं।)