स्वाती सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के मानचित्र पर आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध देश के रूप में स्थापित हो गया है। दशकों पूर्व हमारे देश की गिनती दुनिया के गरीब देशों में होती थी। हम खाद्यान्न से लेकर सभी जरूरत की वस्तुओं के लिए आयात पर निर्भर रहते थे। लेकिन, प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि, नेक इरादा और नेतृत्व की कुशलता ने आज हमारी स्थिति को बदल दिया है। आज भारत दुनिया को निर्यात करने वाला देश बन गया है।

नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री बने थे, उस समय भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 112 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी। आज भारत की जीडीपी 272 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 तक भारत की जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। पीएम का संकल्प है कि केन्द्र में सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और वह विकसित राष्ट्रों की सूची में शुमार होकर रहेगा।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के जारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि और वित्तीय क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से भारत की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है। यह दुनिया की अन्‍य बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के मुकाबले काफी ज्‍यादा है। चीन, जापान, अमेरिका और रूस जैसे विकसित देशों की पहली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ देखी जाए तो भारत उनसे कहीं आगे दिखता है।

चीन की अर्थव्‍यवस्‍था ने 6.3 फीसदी की विकास दर हासिल की है। यह भारत की ग्रोथ रेट से 1.5 फीसदी पीछे रह गया है। अमेरिका की अर्थव्‍यवस्‍था ने अप्रैल-जून तिमाही में सिर्फ 2.4 फीसदी की ग्रोथ रेट हासिल की है। इसके अलावा जापान 6.0 फीसदी, इंडोनेशिया 5.2 फीसदी और रूस की अर्थव्‍यवस्‍था ने 4.9 फीसदी की विकास दर हासिल की है। अगर अन्‍य देशों की जीडीपी ग्रोथ की हालत देखें तो अप्रैल-जून तिमाही में ब्रिटेन की विकास दर 0.4 फीसदी रही है। इसी दरम्‍यान जर्मनी की विकास दर सिर्फ 0.2 फीसदी रह गई है।

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 3.5 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में 2.4 प्रतिशत था। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं का जीवीए जून, 2023 को समाप्त तिमाही में 12.2 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.5 प्रतिशत था। जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत तथा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत थी।

स्थिर मूल्य (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद 2023-24 की पहली तिमाही में 40.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 37.44 लाख करोड़ रुपये था। यह जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो 2022-23 की पहली तिमाही में 13.1 प्रतिशत थी।’ मौजूदा मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 70.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 65.42 लाख करोड़ रुपये था। यह आठ प्रतिशत वृद्धि है जो 2022-23 की पहली तिमाही में 27.7 प्रतिशत थी। एनएसओ दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर का आंकड़ा 30 नवंबर, 2023 को जारी करेगा।

आम आदमी की कमाई में बड़ा इजाफा
मोदी सरकार को देश की सत्ता में काबिज हुए नौ साल पूरे हो चुके हैं। इन नौ सालों में काफी कुछ बदल गया है। मोदी सरकार में आम आदमी की कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है। पहले आम आदमी की सालाना आय 80 हजार रुपये से भी कम थी। अब वो 1.70 लाख रुपये से ज्यादा है। विदेशी मुद्रा भंडार ढाई गुना तक बढ़ा है। कारोबार करने और अपनी मुद्रा को मजबूत बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जरूरी होता है। अभी देश में लगभग 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है।

बीते 9 साल में एक्सपोर्ट करीब दोगुना हो गया है। 2022-23 में भारत ने 36 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान एक्सपोर्ट किया था, जबकि 2014 में 19.05 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट हुआ था। हालांकि, इसी दौरान इम्पोर्ट भी बढ़ा है। मोदी सरकार में स्वास्थ्य बजट में करीब 140 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस साल स्वास्थ्य के लिए सरकार ने 89 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट रखा है।

मोदी सरकार में डॉक्टर्स की संख्या में 4 लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ है। हाल ही में सरकार ने संसद में बताया था कि देश में 13 लाख से ज्यादा एलोपैथिक डॉक्टर्स हैं। इनके अलावा 5.65 लाख आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी हैं। मोदी सरकार में मेडिकल कॉलेज और एमबीबीएस की सीट, दोनों की ही संख्या बढ़ी है। अभी देश में 660 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें एक लाख से ज्यादा एमबीबीएस की सीटें हैं।

(लेखिका- पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं।)